ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

शुक्रवार, 6 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 7..स्वस्थ बने..

"एक छोटा सा चमेली का फूल इतना चमत्कारी होता है जो आप सोच भी नहीं सकते, "चमेली" नाम पारसी शब्द "यासमीन" से बना है, जिसका मतलब "प्रभु की देन" है "

चमेली एक सुगंधित फूल है, जिसके महक मात्र से लोग मोहित हो जाते है.  इस फूल से बहुत सारी दवाइयां बनायी जाती हैं, जो सिर दर्द, चक्कर, जुकाम आदि में काम आता है़.अतः ये फूल हम सबको स्वस्थ बनाने में अधिक सहायक है.

दुनिया के किसी भी धर्म  में, किसी भी सार्वजनिक कार्य में, पूजा पाठ, उपासना, ख़ुशी के उपलक्ष्य में आदि आदि ऐसे कई प्रकार के उत्सव है सभी में विभिन्न प्रकार के फूलों का बहुत अधिक प्रयोग होता रहा है और आज भी अधिक मात्रा में फूलों को सबसे पहले लिया जाता है.  पूजा पाठ आदि में यही फूल श्रद्धा के फूल बन जाते है, तथा मृत्यु के उपरान्त यही फूल श्रद्धा सुमन के रूप में हम सब के सामने आते है.


सिद्ध स्थानों, हिमालय के दूर के स्थानों पर, सुनसान या वीराने स्थान पर उत्पन्न  फूलों में योगिनी शक्तियां विद्यमान रहती है,यहाँ तक कि सभी फूलों में कोई ना कोई शक्ति गुप्त रूप में अवश्य रहती है,फूल जब हम किसी को भेंट करते है तो वो शक्ति भी साथ चली जाती है और उस की भावना को प्रगट कर कामना पूरी कर देती है,

ज्योतिष नक्षत्र और तिथि वार आदि के संयोग से फूल तोड़ कर लाभ उठाया जा सकता है.आधुनिक चिकित्सा शास्त्र, होमियोपैथ ,आयुर्वेद आदि में भी फूलों के प्रयोग का विवरण है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.
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इसीलिए इन फूलों को बार बार अकारण तोड़ने की गलती कभी नही करनी चाहिए, ऐसा करने से दोष लग जाता है और ये पाप कर्म की श्रेणी में भी आता है.
फूलों द्वारा हम वशीकरण क्रिया को आसानी से कर सकते है, अपने देवताओं को प्रसन्न कर सकते है, और भी अनेक कार्य इन्हीं फूलों के द्वारा हम सिद्ध कर सकते है.
यदि आप फूल तोड़ कर भेंट करते है तो उचित रहेगा, खरीदें हुए फूल का असर बहुत कम तथा विलम्ब से मिलता है.

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, आकर्षक बनने के लिए आप "चमेली का फूल" का प्रयोग करें. यह फूल आपकी अच्छी सेहत बनाने में बहुत अधिक सहायक है, 

वैज्ञानिकों की मानें तो अब अनिद्रा के शिकार लोगों को नींद की गोलियां खाने की कोई जरूरत नहीं है. बल्कि चमेली के फूल की सुगंध इसका आसान, सुरक्षित और कुदरती उपाय हो सकता है. जर्मन वैज्ञानिकों की ताजा शोध रिपोर्ट के मुताबिक पूरी सांस भरकर ली गई चमेली की सुगंध नींद आने में मददगार होती है. इससे नींद की गोलियों के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है.प्राचीन ग्रंथों में इस चमेली के तेल और फूल द्वारा भगवान मृत्युंजय शिव को प्रसन्न कर स्वस्थ रह कर लम्बी आयु प्राप्त की जा सकती है.

मनुष्य के शरीर में कोई भी ऐसा असाध्य रोग नही है जो कि चमेली के फूल द्वारा ठीक ना हों..रोगी के सिर की बांयी तरफ यदि चमेली के फूल का गुलदस्ता प्रतिदिन रखने से उसका रोग शीघ्र ठीक होने लगता है, वैद्य या डॉ द्वारा दी गयी ओषधिया जल्दी असर करने लगती है.

प्रतिदिन 7 चमेली के फूल को अपने जेब में रखने से भगवान धन्वन्तरी जी का वशीकरण होता है जिसके द्वारा समस्त रोगों का निवारण हो कर स्वस्थ होकर लम्बी आयु मिलती है, ऐसा मेने अनुभव में भी देखा है,

हिमाचल में ऊना नामक स्थान से 15km दूर एक गाँव में एक व्यक्ति पिछले 29 वर्षों से चमेली के फूल को हमेशा अपनी जेब में रखते है उसी के परिणाम स्वरूप आज तक सर दर्द जैसा छोटा रोग भी उन्हें नही हुआ सभी प्रकार से वह व्यक्ति स्वस्थ है,आज उसकी आयु 93 वर्ष है, बाल काले, दांत मजबूत अर्थात पूर्णतया स्वस्थ है, इसी चमेली के फूल के द्वारा ये परिणाम मेरे सामने है,

"चमेली के फूल का पौधा आप सोमवार ला कर अपने घर बगिया या किसी गमलें में भी लगा कर परिवार सहित लाभ उठा सकते है,"

शनिवार प्रातः चमेली के 24 फूल घर लाकर इन पर रोली, कुंकुम या सिन्दूर का छींटा लगा कर दोनों हाथों से किसी नदी या सरोवर में विसर्जित करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है 24 ही शनिवार करने से इसका लाभ देख कर आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे.

सभी प्रकार के प्रयोग के लिए एक दिन पहले चमेली के पेड़ के पास जा कर पहले फूल ले जाने का निमंत्रण देना चाहिए, तथा सम्मान के साथ कोई भी फूल तोड़ने से ही कामना पूरी होती है.

इस प्रकार रविवार को प्रातः  निवेदन कर एक नीले  रंग का  धागा उस चमेली के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. सोमवार  प्रातः  पीले रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 24  फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर नीले  रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात  मुश्क कपूर  भी  किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसी चमेली के तेल से छींटे दें. 

अच्छी सेहत और मृत्यु को जीतने वाले भगवान आशुतोष शिव  जी है इन्ही नीलकंठ भगवान जी का मानसिक स्मरण करें कि भगवान शिव  हम पर कृपा करें तथा मेरे शरीर के समस्त रोगों का नाश कर मुझे पूर्णतया स्वस्थ बनाएं इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए.

इसके पश्चात चमेली के तेल  का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा भगवान शिव की आरती इन फूलों की करें, तथा छुआरें बादाम  का  प्रशाद रख कर  रोगी ग्रहण करें.

बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को  चलते पानी में विसर्जित कर देना चाहियें.

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आप के अंदर नयी शक्ति का संचार आरम्भ होने लगेगा तथा  भगवान शिव की कृपा से मानसिक आदि सभी रोग आप्सें दूर चले जायेंगे तथा स्वस्थ  लाभ होने लगेगा, ये क्रिया प्रत्येक सोमवार करें, 16 बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा. रोग यदि अधिक पुराना या असाध्य है तो यही क्रिया दोबारा कर लेनी चाहियें,

 "भगवान शिव जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर स्वस्थ और सुंदर बनाने में सहयोग करें....." 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में बच्चों की उन्नति  करने हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...



श्रीस्तु  !!







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