ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

तिलक द्वारा दैनिक वशीकरण.......

तंत्र शास्त्र अनुसार हमारी जो पूजा पद्धति हैं या दैनिक  दिनयर्चा का सम्बन्ध भी एक तरह से  तंत्र से है, प्रत्येक ग्रह का सम्बन्ध दश महाविद्या से होने के कारण प्रतिदिन के कार्य भी अलग अलग हो जाते है. तंत्र क्रिया या कोई भी साधना से पूर्व सर्व प्रथम तिलक लगाया जाता  है. 
तिलक कैसा होना चाहिए, तिलक का रंग कौन सा लेना चाहिए, तिलक लंबा या गोल या कोई विशेष आकृति या कोई साधना का यन्त्र आदि अपने मस्तक आदि शरीर के विभिन्न अंगों पर विशेष मुहूर्त पर लगाया जाता है.
कोई भी पूजा या कोई भी साधना हो, तिलक का महत्व सबसे अधिक होता है, साधना की सफलता या असफलता में तिलक का महत्वपूर्ण स्थान है, अतः जब भी कोई  साधना या कोई भी तंत्र प्रयोग किया जाता है तो सर्व प्रथम तिलक का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 
यदि तिलक साधना के अनुरूप है तो साधना में शीघ्र सफलता मिलती है. और यदि तिलक  पूजा या साधना के अनुरूप नही है तो असफलता मिलती है, 
उदाहरण.... किसी भी शुभ कर्म में पीला  या लाल रंग का तिलक उपयोग करते है यदि इस समय काला या कोई दुसरा रंग का तिलक उपयोग किया तो तुरंत हानि के योग बन जायेंगे. 

षट कर्म अनुसार अलग अलग कर्म की एक निश्चित तिथि, वार, रंग और धातु आदि भगवान शिव ने वर्णित किये है, अतः   आप जो भी कर्म की साधना कर रहे है उस कर्म अनुसार तिलक का रंग तथा आकार चुनाव करें तो शीघ्र लाभ होगा.

षट कर्म अनुसार प्रत्येक कर्म के तिलक का वर्णन आगे विषय जब आयेगा तभी बताने का प्रयास करूंगा. आज सामान्य लोग भी प्रतिदिन कैसा तिलक लगा कर समाज को अपने अनुकूल कर सकते है ये बताने जा रहा हूँ .
प्रातः उठते ही उस दिन की समस्त कार्य की चिंताएं मनुष्य के मन में सताने लगती है, ऑफिस में बॉस आदि की चिंता, मित्रों से व्यवहार की चिंता, कोलेज में शिक्षा या परीक्षा की चिंता, व्यापार में ग्राहक को बनाये रखने की चिंता आदि बहुत सी समस्याएं सताने लगती है.
इन सभी चिंता को दूर करने का तिलक के वशीकरण से भी सफलता मिल सकती है यदि इस तिलक की क्रिया को हम प्रतिदिन एक नियम बना लें तो लाभ मिलता है.सोमवार से लेकर रविवार पूरे सप्ताह के अनुसार तिलक आपको बता रहा हूँ...

सोमवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:- 

चन्द्र देव का वार सोमवार है और चन्द्रमा मन का कारक भी है अतः इसके अनुसार तिलक लगाने से मन नियन्त्रण में रहता है तथा शांत रहेगा, चन्द्रमा का आरंग सफेद है, अतः आप सफेद चंदन का तिलक लगायें, अथवा यज्ञ हवन की विभूति या भस्म भी सोमवार प्रातः लगायें.

मंगलवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:- 

श्री हनुमान जी मंगलवार का नेतृत्व करते है अर्थात मंगलवार श्री हनुमान जी का पर्याय मन जाता है, मंगल ग्रह का रंग लाल व सिन्दूरी लाल है, अतः मंगलवार को सभी कार्यों की सफलता के लिए लाल रंग सर्व श्रेष्ठ है.इस दिन आप लाल सिन्दूर का तिलक लगा सकते है तथा लाल चन्दन का तिलक या चमेली के तेल में सिन्दूर घोल कर भी तिलक लगा सकते है, चमेल के तेल में बना हुआ ये तिलक आपकी ऊर्जा शक्ति  की भी वृद्धि करेगा, कार्य करने की क्षमता में भी वृद्धि होगी, तथा पूरा दिन उत्साह में व्यतीत होगा.

बुधवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:-  

माँ दुर्गा देवी का ये दिन है तथा भगवान गणेश जी भी इसी दिन को प्रतिनिधित्व करते है, नाम अनुसार बुध ग्रह बुधवार का स्वामी है, अतः सभी कार्यों में सफलता के लिए और समाज में यश पाने के लिए एक हरे रंग का रुमाल अपनी जेब में इस दिन रख कर ही घर से बाहर निकलें एवं खाली  सिन्दूर अर्थात उस सिन्दूर में तेल या घी कुछ ना मिला हुआ हो आप अपने मस्तक में लगाये, इससे व्यापार में बुद्धि तेज़ होगी तथा हानि नही होगी, बुधवार का दिन आप के लिए शुभ रहेगा. 


वृहस्पतिवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:- 

वृहस्पति  देव समस्त ऋषि मुनियों तथा सभी देवताओं के गुरु है अतः इन्हें गुरु भी कहते है और इस वार को गुरूवार भी कहते है, वृहस्पतिवार  के स्वयं ब्रह्मा जी विशेष देव के रूप में माने गये है, वृहस्पतिवार के स्वामी वृहस्पति होने से इनका रंग पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग अति प्रिय है, वृहस्पतिवार के दिन सफेद चन्दन को केसर में मिला कर तिलक लगाने से सभी कामनाएं पूर्ण होती है तथा केवल केसर का तिलक भी उपयोगी  सिद्ध होता है. साथ ही इसके अलावा हल्दी का तिलक या गोरोचन का  तिलक  भी लगा सकते है, इस तिलक से मन में पवित्रता तथा सकारात्मक भाव आने लगते है  बहुत दिनों से रुके कार्य बनने लगते है और धन सम्बन्धी सभी समस्याएं दूर होने लगती है.

शुक्रवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:- 



श्री भगवान विष्णु जी की धर्म पत्नी तथा सारे जगत को धन सुख देने वाली माँ लक्ष्मी जी का ये वार है,शुक्र ग्रह इस दिन का स्वामी है, शुक्रा ग्रह हालांकि दैत्यों के गुरु भी है इसीलिए इनको दैत्यराज भी कहते है, शुक्राचार्य देत्यों के गुरु थें,इस दिन चमकीला रंग का तिलक तथा अगुलाबी रंग का तिलक भी लगा कर लाभ ले सकते है, माँ लक्ष्मी का दिन होने से लाल रंग का सिन्दूर या लाल चन्दन का तिलक बहुत लाभ देगा,इससे तनाव दूर होता है तथा सुख सुविधाओं की वृद्धि होती है.और राजसी ठाट बाट अथवा अधिकारियों से मेल मिलाप में भी ये तिलक सहायक होता है.

शनिवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:- 

शनिवार नाम से ही शनि ग्रह का प्रकोप सामने आने लगता है, क्योंकि शनिवार का दिन यमराज, भैरव और शनि का दिन माना जाता है, इन सबकी प्रसन्नता के लिए भस्म, लाल चन्दन, अष्टगंध तथा यज्ञ की विभूति का तिलक भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है इस तिलक के कर शनि, भैरव तथा यमराज प्रसन्न रहते है, इसी कारण से ये कोई हानि नही करते है.

रविवार का सर्वसमाज वशीकरण तिलक:-  

भगवान विष्णु तथा भगवान सूर्य देव का आधिपत्य इस रविवार को मिला हुआ है, भगवान सूर्य इस रविवार दिन के स्वामी है जो कि रविवार ही नही समस्त ग्रहों के राजा भी है,इस दिन हरी चन्दन या लाल चन्दन का तिलक बहुत लाभ देता है, समस्त शत्रुओं का विनाश हो जाता है तथा समाज में मान सम्मान की वृद्धि भी होती है, इससे मन में आत्म विशवास की शक्ति बड़ने लगती है.

उपरोक्त तिलक प्रत्येक वार अनुसार नियम अनुसार यदि आप लगाए तो स्वयं आपको अनुभव होगा तथा प्रत्यक क्षेत्र में उन्नति और लाभ होना आरम्भ होता जाएगा. 

"तिलक लगाते समय ये महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखें कि तिलक सूर्य उदय से एक घंटे के अंदर ही लगाना चाहिए"  

शुभमस्तु !!