ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

सोमवार, 2 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 4

"गुड़हल" का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप अपने शत्रुओं का वशीकरण कर शत्रुता को समाप्त कर सकते हो !!

जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, उदाहरण के लिए गुलाब का फूल को लेते है लाल गुलाब मंगलवार तथा रविवार में अधिक शक्ति या ऊर्जा देता है, गुलाबी पिंक गुलाब शुक्रवार, सफेद गुलाब सोमवार तथा काला गुलाब बुधवार तथा शनिवार को अधिक प्रभावी रहता है अतः फूल के रंगों द्वारा उसके वार को ज्ञात कर सकते है क्योंकि  जो वार होगा उस वार के रंग की किरणें उस दिन सर्वाधिक रहती है ये सूत्र हमेशा याद रखें.

आज इन फूलों की शक्तियों से अपने शत्रुओं चाहे वो किसी भी प्रकार के हो व्यापार के क्षेत्र में, परिवार में मनमुटाव के कारण से शत्रु बने हो, या सामाजिक रूप से शत्रु बन कर आपको मानसिक या आर्थिक हानि पहुंचा रहे हो उन सबको शांत करने के लिए तथा उनके द्वारा आपको हानि ना पहुंचे वह सब क्रिया आप सबके सामने रख रहा हूँ, कुछ समस्याएं मनुष्य के जीवन को आज के युग में परेशान करती है जो की लगभग सभी मनुष्यों में एक समान है वो है शत्रुओं की समस्या  मनुष्य को बहुत परेशान कर देती है, शत्रुओं की शत्रुता खत्म करने के लिए जो फूल ऋषि मुनियों ने बताया है वो है.."गुड़हल" का फूल, इस गुड़हल  के फूल में माँ भद्रकाली देवी का वास है, अतः हम गुड़हल के फूल द्वारा शत्रुओं की समस्या मुक्ति पा सकते है,

कैसे ????

शुक्रवार को उस गुड़हल के पेड़  के पास दोपहर के समय जाएँ और अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल शनिवार प्रातः आप का फूल  मेरी शत्रुओं को नियंत्रित के कार्य को सिद्ध करें इसीलिए कल मैं आपके 9 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें, 

इस प्रकार का निवेदन कर एक काला धागा उस गुड़हल के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. शनिवार  प्रातः नीले  रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 9  फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर पीले  रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात पिसी हल्दी भी  किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसहल्दी से छींटे दें. 

माँ भद्र काली जी का जी का मानसिक स्मरण करें कि माँ भद्रकाली  हम पर कृपा करें तथा मेरे और मेरे घर परिवार पर जिस भी शत्रु की नजर हों या जो भी शत्रु बना हुआ है, जो अकारण मुझे या मेरे परिवार को मानसिक या आर्थिक हानि पहुंचा रहा है वो हमसें दूर हो जाए और अपनी शत्रुता हम सबके प्रति छोड़ दें..

इसके पश्चात जल का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा काले चने का प्रशाद बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये काले चने का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है 

बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को माँ काली जी के मंदिर में जा कर  जहाँ माँ काली जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां माँ काली जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें, 

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आपके सभी प्रकार के समस्त शत्रु शीघ्र ही आपको बिना हानि पहुंचाएं अपनी शत्रुता छोड़ देंगे,तथा  कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से मानसिक तथा आर्थिक लाभ होने लगेगा, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा नौ  बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.

 "माँ श्री भद्र काली  जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपके शत्रुओं से मुक्ति करें" 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में स्वयं को आकर्षित करने हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...


श्रीस्तु  !!