ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

जल से वशीकरण..........

वशीकरण कर्म अनुसार सबसे महत्वपूर्ण स्थान "जल" का है, जैसा की आप सब जानते है कि जल ही जीवन है, बिना जल के कोई भी मनुष्य, जीव जंतु और सभी वनस्पति भी जल पर आधारित है.

बिना जल के जीवन का अस्तित्व ही नही है तथा बिना जल के हमारा कर्म काण्ड, पूजा पाठ सभी अधूरा है,

गोस्वामी तुलसी दास जी ने भी श्री राम चरित मानस  में स्पष्ट लिखा है की मनुष्य का शरीर भी जल तत्व या जल से बना हुआ है, “क्षिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम शरीरा।।” पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और पवन – इन पंचतत्वों से यह अत्यंत अधम शरीर रचा गया है.अतः स्पष्ट है की जल ही वो महत्वपूर्ण तत्व है जो कि सभी मनुष्यों में जीवन दायनी का धर्म निभाता है,“यथा पिण्डे तथा ब्रह्माण्डे”
इसी जल के द्वारा हम वशीकरण आदि सभी क्रिया करने में सक्षम भी हो जाते है.

और यही जल जब  प्रत्यक्ष रूप से जीवन की संजीवनी के रूप में कार्य कर रहा है, तो षट कर्मों, महाविद्या
उपासना, आदि सभी तंत्र के क्षेत्रों में जल की महत्वपूर्ण भूमिका है, 

यही जल गुप्त रूप से सभी क्रियाओं में अत्यंत लाभ देने में सक्षम है. आज इसी जल के द्वारा हम किस प्रकार से वाशिकर्ण कर सकते है, इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास कर रहा हूँ.

http://vashikaran-science.blogspot.in/
जीवन का आरम्भ प्रातः से होता है और उस प्रातः का आरम्भ जल से होता है.जल के बिना जीवन की सभी क्रिया किसी भी दुसरे तत्व या वस्तु से नही हो सकती.कभी सोचा है. 

भारतीय संस्कृति में जब भी कोई अतिथि आयें तो घर की लक्ष्मी अर्थात बहन, बेटी आदि के द्वारा सर्वप्रथम जल दिया जाता था, इस समय भी बहुत कम परिवारों में ऐसा होता है, अधिकतर आजकल तो घर का नौकर ही जल लेकर सामने आता दिखाई देता है,

 घर में गृहिणी या बेटी,बहन के द्वारा दिया गया जल ही एक वशीकरण का गुप्त साधन होता है, इनके हाथ से पीया गया जल अतिथि और उस परिवार में प्रेम भाव की वृद्धि करता था,

आज के युग में अतिथि के अलावा घर का भी कोई सदस्य घर में आता है तो या तो खुद जल फ्रिज में से उठा कर पीता है या नौकर को आवाज लगा कर पीता है, इसी कारण से परिवार में आपस में मतभेद उत्पन्न हो रहा है अर्थात प्रेम का सम्बन्ध प्रायः समाप्त ही है, 

यदि परिवार में आपसी सौहार्द उत्पन्न करना है तो स्वयं या अपने परिवार के सदस्य द्वारा ही जल  पीना चाहिए, कुछ ही दिनों में चमत्कार देखेंगे.

घर आये अतिथि, सम्बन्धी, मित्र परिवार को भी यथा संभव अपने हाथ द्वारा जल भेंट करें, इससे आजीवन प्रेम बना रहेगा मन मुटाव होने की संभावना बिलकुल समाप्त हो जायेगी.

यदि कोई रूठा हुआ है, पत्नी, प्रेमिका, पुत्र, पुत्री कोई भी उसे अपने हाथ से जल  दें तुरंत असर दिखाई देगा,

आपकी प्रेमिका या पत्नी आपका कहना नही मान रही है, या आपका प्रेमी, पति आपसे रूठा हुआ है तो प्रातः काल में जल को किसी धातु के गिलास  में दें फिर देखें इसका प्रभाव....आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे.

क्या पाने ऑफिस में अपने साथ काम करने वालों को बिना मांगे कभी जल पिलाया?

क्या आपने अपने माता-पिता को कभी बिना मांगे जल पिलाया ?

क्या आपने अपने हाथ से कभी ग्राहक को बिना मांगे जल दिया?

क्या आपने अपने हाथ से प्रेम से पत्नी को बिना मांगे जल दिया ?

या जिससे कोई कार्य निकलवाना है उसे बिना मांगे जल दिया ?

यदि कोई क़र्ज़ वापिस मांगने आये तो क्या कभी बिना मांगे उसे जल दिया ?

एक बार इसे शुरू करो .....

फिर जल के इस उपाय का चमत्कार देखो................

आप आश्चर्य चकित रह जाओगे कि जल द्वारा दुर्लभ कार्य इतना आसान हो गया है..

लेख के विस्तार के भय से अब इतना ही.......

आगे के लेखों में जल की चमत्कारी विधियां प्रस्तुत करूंगा ...


शुभमस्तु !!