ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

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सोमवार, 9 मई 2016

माँ लक्ष्मी जी आपके घर में सदा वास करें.....







ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः...



आप सभी को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं...





    माँ लक्ष्मी जी आपके घर में सदा वास करें.....












!! श्रीरस्तु !!

रविवार, 8 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 8..संतान की उन्नति..

मोंगरा का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप अपने बच्चों की उन्नति कर सुख प्राप्त कर सकते हो !!

जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,
प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, उदाहरण के लिए गुलाब का फूल को लेते है लाल गुलाब मंगलवार तथा रविवार में अधिक शक्ति या ऊर्जा देता है, गुलाबी पिंक गुलाब शुक्रवार, सफेद गुलाब सोमवार तथा काला गुलाब बुधवार तथा शनिवार को अधिक प्रभावी रहता है अतः फूल के रंगों द्वारा उसके वार को ज्ञात कर सकते है क्योंकि  जो वार होगा उस वार के रंग की किरणें उस दिन सर्वाधिक रहती है ये सूत्र हमेशा याद रखें. आज इन फूलों की शक्तियों का लाभ उठाने की क्रिया को आप सबके सामने रख रहा हूँ,

कुछ समस्याएं मनुष्य के जीवन को आज के युग में परेशान करती है जो की लगभग सभी मनुष्यों में एक समान है वो है बच्चों के जिद्द की समस्या, अर्थात आजकल बच्चों की शिक्षा और उनकी सोसायटी ऐसी बन गयी है की बच्चे अपने घर वालों की बात ही नही मानते तथा कई बार बुरे कर्मों में फंस जाते है उस के कारण मनुष्य को बहुत परेशानी हो जाती है,,

इसी परेशानी के कारण कई बार घर में क्लेश या घर टूट जाते है,क्यों कि समाज में बच्चों के कारण बहुत बदनामी से बिखराव आ जाता है तथा धन इज्ज़त आदि सब मिटटी में मिल जाता है. फूलों के द्वारा हम इस धन की समस्या से छुटकारा पा कर  लाभ उठा सकते है. ये समस्या खत्म करने के लिए जो फूल ऋषि मुनियों ने बताया है वो है..मोंगरा का फूल, इस मोंगरा  के फूल में माँ सरस्वती  देवी का वास है,

अतः हम मोंगरा  के फूल द्वारा बच्चों की इस प्रकार की समस्या मुक्ति पा सकते है,

कैसे ????

यदि आपका बच्चा पढ़ने लिखने में ध्यान नही देता है तथा अपने दोस्तों की बात ज्यादा मानता है या दोस्तों के साथ दिन भर खेलने में समय खराब कर रहा है या किसी बुरे व्यसन में पड़ कर अपना जीवन खराब करने में लगा हुआ है तो मोंगरा फूल का उपाय करें इससे जल्दी शुभ परिणाम मिलने शुरू हो जायेंगे, सोमवार, बुधवार और शुक्रवार प्रातः 5 मोंगरा के फूल खरीद कर या किसी भी तरीके से ले कर घर लाने से पहले मंदिर में जाकर सिन्दूर वाले श्री हनुमान जी की मूर्ती के पास रख कर अपने पुत्र या पुत्री का नाम लेकर उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन फूलों पर 5 बार हनुमान जी के पैर से सिन्दूर लेकर तिलक कर घर ले आयें और जिस जगह पर बच्चा सोता है उस जगह किसी कांच की कटोरी में रख दें.बुधवार सुबह तक रखा रहें, बुधवार फिर इसी प्रकार से दुबारा करें तो ये शुक्रवार तक रखना है शुक्रवार फिर से फूल ला कर इसी प्रकार से सोमवार तक रखने है.ऐसा  5  बार करें ....

यदि आपका बच्चा किसी गलत प्रेम के चक्कर में आ गया हो तो  इसी मोंगरा के 7 फूल लेकर उसके तकिये के नीचे शुक्रवार रात में रखें तथा शनिवार सुबह से दोपहर तक किसी भी समय चलते पानी में बहा दें. इसके करने से प्रेम  के चक्कर से निकल जाएगा तथा अपने माता-पिता  की आज्ञा पालन करने लगेगा चाहे पुत्र हो या पुत्री दोनों के लिए ये एक रामबाण उपाय है. इसके द्वारा उसकी बुद्धि भी शुद्ध और निर्मल होती जायेगी लगातार करने से हमेशा के लिए सही हो जाएगा.

यदि आपका बच्चा घर से चोरी करने लगा है, या घर से बार बार भाग जाता है तो इसके लिए 11 मोंगरे के फूल मंगलवार लेकर शाम के समय उस पर शहद लगा कर किसी भी मंदिर में उस बच्चे के हाथ से रखवा दों  ऐसा  5 मंगलवार करने से लाभ मिल जाएगा यदि कोई कमी रह गयी हो तो 11 मंगलवार करें, जल्दी वो पूर्ण रूप से ठीक हो जाएगा..

शुभमस्तु !!

गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

वशीकरण प्रयोगों द्वारा अपनी कामनाएं पूर्ण करें....

वशीकरण विद्या एक प्राचीन और सनातन विद्या है तथा तंत्र शास्त्र अनुसार अष्ट कर्म, शान्ति कर्म आदि सभी कर्मों में एक महत्वपूर्ण विद्या है,
इस विद्या को प्राप्त करना या इस विद्या से अपनी समस्या दूर करना मुश्किल साधना तो है लेकिन असंभव नही है.
बहुत से व्यक्तियों ने मुझसें एक ही बात बार बार पूछी है कि वशीकरण कैसे किया जाएँ ?क्योंकि !! 
सभी को किसी ना किसी को अपने वश में करना है. 
कर्मचारी चाहता है कि उसका बॉस उसके वश में हो और उसे जब चाहे छुट्टी मिल जाए… 
पत्नी सोचती है पति वश में रहे, यही सोच पति की भी होती है… 
कोई सोचता है मेरे सभी दोस्त में वश हो जो मैं बोलू सभी वैसा ही करें… 
लड़कों को लड़कियों को वश में करना है तो लड़कियों को लड़के अपने वश में चाहिए सामान्यत: ऐसे ही सोच सभी की हैं.वशीकरण है क्या…? 
यही कि जो आप बोले, जो आप चाहेवह ही हो जाए।
वशीकरण का प्रयोग आप किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के लिए कर सकते हैं ! वशीकरण हर जगह कारगर है चाहें व्यक्ति इस दुनिया में कही भी रह रहा हो ! 
वशीकरण के लिए सिर्फ सच्चे भावनात्मक जुडाव की जरूरत है
यदि आप सच में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं  तो वशीकरण 100% कामयाब होगा  !

http://vashikaran-science.blogspot.in/

वशीकरण द्वारा आप  निम्न कार्य के लिए कर सकते हैं ...

अपने पसंद के पुरुष या स्त्री को जीवनसाथी बनाने हेतु

प्रेम या विवाह में बाधा को समाप्त करने के लिए

किसी विशेष व्यक्ति या लोगों के समूह को वश में करने के लिए

अपने पति या पत्नी को वश में करने हेतु

अपने सास ससुर को वश में करने हेतु

अपने बॉस या अधिकारी  को वश में करने हेतु

अपने शत्रु/शत्रुओं पर काबू पाने हेतु

अपने बेटी या बेटे को गलत संगत से बचाने हेतु

इंटरव्यू में निश्चित सफलता हेतु

सुख एवं समृद्धि को अपनी और आकर्षित करने हेतु


वशीकरण द्वारा कार्य करना बहुत ही मुश्किल एवं जटिल है.

इसमें एकाग्रता की बहुत आवश्यकता है. लेकिन असंभव नही.

अब कुछ प्रयोग लिख रहा हूँ जिसे मेने पिछले कई वर्षों से सिद्ध और पूर्णतया कार्य होते अनुभव किया है यदि आपकी भावना शुद्ध है तो 100% सफलता आपको प्राप्त होगी..

यदि आप किसी आवश्यक काम के लिए यात्रा पर जा रहे है तो उसी समय एक नारियल लें उसको हाथ में लेकर 11बार ” श्री हनुमते नमः ” कहकर धरती पर मार कर तोड़ दें उसके जल को ऊपर छिड़क लें और गरी को निकालकर बाँट दें तथा खुद भी खाएं तो यात्रा सफल रहेगी और काम भी बनेंगे..

जीवन में सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए शुक्ल पक्ष के बुधवार को प्रातः बिना कुछ खाए पियें एक मिट्टी का शेर खरीदें उसे घर लाकर उसका मानसिक पूजन करें तथा अपनी कामना को सिद्ध करने के लिए उस शेर के आगे प्रार्थना कर मंदिर ले जा कर माँ दुर्गा देवी के आगे प्रणाम कर श्रद्धा से रख आयें और प्रशाद बाँट कर घर आ जाएँ बस फिर चमत्कार देखें सभी बाधाएं जल्दी दूर होती जायेंगी.

अगर आप किसी जरुरी काम से किसी से मिले जा रहे है या किसी से उधार वापिस लेने जा रहें है या रिश्ते की बात करने जा रहें है, तो एक पीला पक्का नींबू लेकर उस पर 4 फूलदार लौंग गाड़ दें तथा इस मंत्र का जप श्री हनुमते नमः” 21 बार करें जप करने के बाद उसको साथ लेकर चले जायें काम में किसी प्रकार की बाधा नही आएगी.सफलता मिलेगी.

यदि परिवार में अनावश्यक परेशानी आ रही है या सभी सदस्य एक दुसरे के शत्रु बने हुए है तो केवल रविवार की रात्रि को सोते समय सिरहाने पानी का लोटा भरकर रखें सोमवार की सुबह थोड़ा जल पीकर दरवाजे की चोखट पर डाल दें तो काफी लाभदायक होगा और परेशानियां भी दूर हो जाएंगी, ऐसा 21 रविवार करें, परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है,इस से बहुत जल्दी लाभ मिलेगा.

अगर परिवार में से कोई सदस्य रोगी हो और उसे दवाई आदि का कोई असर नही हो पा रहा हो तो तो एक पान का पत्ता , एक गुलाब का फूल और 7 बताशे , पान के पत्ते में रखकर शनिवार शाम के समय रोगी के सिर के ऊपर से क्लोक वाइज वार कर उसे चौराहे पर रख दें रोगी ठीक होने लगेगा.


आगे इस विषय में और अधिक प्रयोगों का विवरण करूंगा.....

शुभमस्तु !!


मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

जल से वशीकरण..........

वशीकरण कर्म अनुसार सबसे महत्वपूर्ण स्थान "जल" का है, जैसा की आप सब जानते है कि जल ही जीवन है, बिना जल के कोई भी मनुष्य, जीव जंतु और सभी वनस्पति भी जल पर आधारित है.

बिना जल के जीवन का अस्तित्व ही नही है तथा बिना जल के हमारा कर्म काण्ड, पूजा पाठ सभी अधूरा है,

गोस्वामी तुलसी दास जी ने भी श्री राम चरित मानस  में स्पष्ट लिखा है की मनुष्य का शरीर भी जल तत्व या जल से बना हुआ है, “क्षिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम शरीरा।।” पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और पवन – इन पंचतत्वों से यह अत्यंत अधम शरीर रचा गया है.अतः स्पष्ट है की जल ही वो महत्वपूर्ण तत्व है जो कि सभी मनुष्यों में जीवन दायनी का धर्म निभाता है,“यथा पिण्डे तथा ब्रह्माण्डे”
इसी जल के द्वारा हम वशीकरण आदि सभी क्रिया करने में सक्षम भी हो जाते है.

और यही जल जब  प्रत्यक्ष रूप से जीवन की संजीवनी के रूप में कार्य कर रहा है, तो षट कर्मों, महाविद्या
उपासना, आदि सभी तंत्र के क्षेत्रों में जल की महत्वपूर्ण भूमिका है, 

यही जल गुप्त रूप से सभी क्रियाओं में अत्यंत लाभ देने में सक्षम है. आज इसी जल के द्वारा हम किस प्रकार से वाशिकर्ण कर सकते है, इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास कर रहा हूँ.

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जीवन का आरम्भ प्रातः से होता है और उस प्रातः का आरम्भ जल से होता है.जल के बिना जीवन की सभी क्रिया किसी भी दुसरे तत्व या वस्तु से नही हो सकती.कभी सोचा है. 

भारतीय संस्कृति में जब भी कोई अतिथि आयें तो घर की लक्ष्मी अर्थात बहन, बेटी आदि के द्वारा सर्वप्रथम जल दिया जाता था, इस समय भी बहुत कम परिवारों में ऐसा होता है, अधिकतर आजकल तो घर का नौकर ही जल लेकर सामने आता दिखाई देता है,

 घर में गृहिणी या बेटी,बहन के द्वारा दिया गया जल ही एक वशीकरण का गुप्त साधन होता है, इनके हाथ से पीया गया जल अतिथि और उस परिवार में प्रेम भाव की वृद्धि करता था,

आज के युग में अतिथि के अलावा घर का भी कोई सदस्य घर में आता है तो या तो खुद जल फ्रिज में से उठा कर पीता है या नौकर को आवाज लगा कर पीता है, इसी कारण से परिवार में आपस में मतभेद उत्पन्न हो रहा है अर्थात प्रेम का सम्बन्ध प्रायः समाप्त ही है, 

यदि परिवार में आपसी सौहार्द उत्पन्न करना है तो स्वयं या अपने परिवार के सदस्य द्वारा ही जल  पीना चाहिए, कुछ ही दिनों में चमत्कार देखेंगे.

घर आये अतिथि, सम्बन्धी, मित्र परिवार को भी यथा संभव अपने हाथ द्वारा जल भेंट करें, इससे आजीवन प्रेम बना रहेगा मन मुटाव होने की संभावना बिलकुल समाप्त हो जायेगी.

यदि कोई रूठा हुआ है, पत्नी, प्रेमिका, पुत्र, पुत्री कोई भी उसे अपने हाथ से जल  दें तुरंत असर दिखाई देगा,

आपकी प्रेमिका या पत्नी आपका कहना नही मान रही है, या आपका प्रेमी, पति आपसे रूठा हुआ है तो प्रातः काल में जल को किसी धातु के गिलास  में दें फिर देखें इसका प्रभाव....आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे.

क्या पाने ऑफिस में अपने साथ काम करने वालों को बिना मांगे कभी जल पिलाया?

क्या आपने अपने माता-पिता को कभी बिना मांगे जल पिलाया ?

क्या आपने अपने हाथ से कभी ग्राहक को बिना मांगे जल दिया?

क्या आपने अपने हाथ से प्रेम से पत्नी को बिना मांगे जल दिया ?

या जिससे कोई कार्य निकलवाना है उसे बिना मांगे जल दिया ?

यदि कोई क़र्ज़ वापिस मांगने आये तो क्या कभी बिना मांगे उसे जल दिया ?

एक बार इसे शुरू करो .....

फिर जल के इस उपाय का चमत्कार देखो................

आप आश्चर्य चकित रह जाओगे कि जल द्वारा दुर्लभ कार्य इतना आसान हो गया है..

लेख के विस्तार के भय से अब इतना ही.......

आगे के लेखों में जल की चमत्कारी विधियां प्रस्तुत करूंगा ...


शुभमस्तु !!