ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा। बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति॥

सोमवार, 9 मई 2016

माँ लक्ष्मी जी आपके घर में सदा वास करें.....







ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः...



आप सभी को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं...





    माँ लक्ष्मी जी आपके घर में सदा वास करें.....












!! श्रीरस्तु !!

रविवार, 8 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 8..संतान की उन्नति..

मोंगरा का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप अपने बच्चों की उन्नति कर सुख प्राप्त कर सकते हो !!

जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,
प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, उदाहरण के लिए गुलाब का फूल को लेते है लाल गुलाब मंगलवार तथा रविवार में अधिक शक्ति या ऊर्जा देता है, गुलाबी पिंक गुलाब शुक्रवार, सफेद गुलाब सोमवार तथा काला गुलाब बुधवार तथा शनिवार को अधिक प्रभावी रहता है अतः फूल के रंगों द्वारा उसके वार को ज्ञात कर सकते है क्योंकि  जो वार होगा उस वार के रंग की किरणें उस दिन सर्वाधिक रहती है ये सूत्र हमेशा याद रखें. आज इन फूलों की शक्तियों का लाभ उठाने की क्रिया को आप सबके सामने रख रहा हूँ,

कुछ समस्याएं मनुष्य के जीवन को आज के युग में परेशान करती है जो की लगभग सभी मनुष्यों में एक समान है वो है बच्चों के जिद्द की समस्या, अर्थात आजकल बच्चों की शिक्षा और उनकी सोसायटी ऐसी बन गयी है की बच्चे अपने घर वालों की बात ही नही मानते तथा कई बार बुरे कर्मों में फंस जाते है उस के कारण मनुष्य को बहुत परेशानी हो जाती है,,

इसी परेशानी के कारण कई बार घर में क्लेश या घर टूट जाते है,क्यों कि समाज में बच्चों के कारण बहुत बदनामी से बिखराव आ जाता है तथा धन इज्ज़त आदि सब मिटटी में मिल जाता है. फूलों के द्वारा हम इस धन की समस्या से छुटकारा पा कर  लाभ उठा सकते है. ये समस्या खत्म करने के लिए जो फूल ऋषि मुनियों ने बताया है वो है..मोंगरा का फूल, इस मोंगरा  के फूल में माँ सरस्वती  देवी का वास है,

अतः हम मोंगरा  के फूल द्वारा बच्चों की इस प्रकार की समस्या मुक्ति पा सकते है,

कैसे ????

यदि आपका बच्चा पढ़ने लिखने में ध्यान नही देता है तथा अपने दोस्तों की बात ज्यादा मानता है या दोस्तों के साथ दिन भर खेलने में समय खराब कर रहा है या किसी बुरे व्यसन में पड़ कर अपना जीवन खराब करने में लगा हुआ है तो मोंगरा फूल का उपाय करें इससे जल्दी शुभ परिणाम मिलने शुरू हो जायेंगे, सोमवार, बुधवार और शुक्रवार प्रातः 5 मोंगरा के फूल खरीद कर या किसी भी तरीके से ले कर घर लाने से पहले मंदिर में जाकर सिन्दूर वाले श्री हनुमान जी की मूर्ती के पास रख कर अपने पुत्र या पुत्री का नाम लेकर उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन फूलों पर 5 बार हनुमान जी के पैर से सिन्दूर लेकर तिलक कर घर ले आयें और जिस जगह पर बच्चा सोता है उस जगह किसी कांच की कटोरी में रख दें.बुधवार सुबह तक रखा रहें, बुधवार फिर इसी प्रकार से दुबारा करें तो ये शुक्रवार तक रखना है शुक्रवार फिर से फूल ला कर इसी प्रकार से सोमवार तक रखने है.ऐसा  5  बार करें ....

यदि आपका बच्चा किसी गलत प्रेम के चक्कर में आ गया हो तो  इसी मोंगरा के 7 फूल लेकर उसके तकिये के नीचे शुक्रवार रात में रखें तथा शनिवार सुबह से दोपहर तक किसी भी समय चलते पानी में बहा दें. इसके करने से प्रेम  के चक्कर से निकल जाएगा तथा अपने माता-पिता  की आज्ञा पालन करने लगेगा चाहे पुत्र हो या पुत्री दोनों के लिए ये एक रामबाण उपाय है. इसके द्वारा उसकी बुद्धि भी शुद्ध और निर्मल होती जायेगी लगातार करने से हमेशा के लिए सही हो जाएगा.

यदि आपका बच्चा घर से चोरी करने लगा है, या घर से बार बार भाग जाता है तो इसके लिए 11 मोंगरे के फूल मंगलवार लेकर शाम के समय उस पर शहद लगा कर किसी भी मंदिर में उस बच्चे के हाथ से रखवा दों  ऐसा  5 मंगलवार करने से लाभ मिल जाएगा यदि कोई कमी रह गयी हो तो 11 मंगलवार करें, जल्दी वो पूर्ण रूप से ठीक हो जाएगा..

शुभमस्तु !!

शुक्रवार, 6 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 7..स्वस्थ बने..

"एक छोटा सा चमेली का फूल इतना चमत्कारी होता है जो आप सोच भी नहीं सकते, "चमेली" नाम पारसी शब्द "यासमीन" से बना है, जिसका मतलब "प्रभु की देन" है "

चमेली एक सुगंधित फूल है, जिसके महक मात्र से लोग मोहित हो जाते है.  इस फूल से बहुत सारी दवाइयां बनायी जाती हैं, जो सिर दर्द, चक्कर, जुकाम आदि में काम आता है़.अतः ये फूल हम सबको स्वस्थ बनाने में अधिक सहायक है.

दुनिया के किसी भी धर्म  में, किसी भी सार्वजनिक कार्य में, पूजा पाठ, उपासना, ख़ुशी के उपलक्ष्य में आदि आदि ऐसे कई प्रकार के उत्सव है सभी में विभिन्न प्रकार के फूलों का बहुत अधिक प्रयोग होता रहा है और आज भी अधिक मात्रा में फूलों को सबसे पहले लिया जाता है.  पूजा पाठ आदि में यही फूल श्रद्धा के फूल बन जाते है, तथा मृत्यु के उपरान्त यही फूल श्रद्धा सुमन के रूप में हम सब के सामने आते है.


सिद्ध स्थानों, हिमालय के दूर के स्थानों पर, सुनसान या वीराने स्थान पर उत्पन्न  फूलों में योगिनी शक्तियां विद्यमान रहती है,यहाँ तक कि सभी फूलों में कोई ना कोई शक्ति गुप्त रूप में अवश्य रहती है,फूल जब हम किसी को भेंट करते है तो वो शक्ति भी साथ चली जाती है और उस की भावना को प्रगट कर कामना पूरी कर देती है,

ज्योतिष नक्षत्र और तिथि वार आदि के संयोग से फूल तोड़ कर लाभ उठाया जा सकता है.आधुनिक चिकित्सा शास्त्र, होमियोपैथ ,आयुर्वेद आदि में भी फूलों के प्रयोग का विवरण है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.
http://vashikaran-science.blogspot.in/
इसीलिए इन फूलों को बार बार अकारण तोड़ने की गलती कभी नही करनी चाहिए, ऐसा करने से दोष लग जाता है और ये पाप कर्म की श्रेणी में भी आता है.
फूलों द्वारा हम वशीकरण क्रिया को आसानी से कर सकते है, अपने देवताओं को प्रसन्न कर सकते है, और भी अनेक कार्य इन्हीं फूलों के द्वारा हम सिद्ध कर सकते है.
यदि आप फूल तोड़ कर भेंट करते है तो उचित रहेगा, खरीदें हुए फूल का असर बहुत कम तथा विलम्ब से मिलता है.

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, आकर्षक बनने के लिए आप "चमेली का फूल" का प्रयोग करें. यह फूल आपकी अच्छी सेहत बनाने में बहुत अधिक सहायक है, 

वैज्ञानिकों की मानें तो अब अनिद्रा के शिकार लोगों को नींद की गोलियां खाने की कोई जरूरत नहीं है. बल्कि चमेली के फूल की सुगंध इसका आसान, सुरक्षित और कुदरती उपाय हो सकता है. जर्मन वैज्ञानिकों की ताजा शोध रिपोर्ट के मुताबिक पूरी सांस भरकर ली गई चमेली की सुगंध नींद आने में मददगार होती है. इससे नींद की गोलियों के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है.प्राचीन ग्रंथों में इस चमेली के तेल और फूल द्वारा भगवान मृत्युंजय शिव को प्रसन्न कर स्वस्थ रह कर लम्बी आयु प्राप्त की जा सकती है.

मनुष्य के शरीर में कोई भी ऐसा असाध्य रोग नही है जो कि चमेली के फूल द्वारा ठीक ना हों..रोगी के सिर की बांयी तरफ यदि चमेली के फूल का गुलदस्ता प्रतिदिन रखने से उसका रोग शीघ्र ठीक होने लगता है, वैद्य या डॉ द्वारा दी गयी ओषधिया जल्दी असर करने लगती है.

प्रतिदिन 7 चमेली के फूल को अपने जेब में रखने से भगवान धन्वन्तरी जी का वशीकरण होता है जिसके द्वारा समस्त रोगों का निवारण हो कर स्वस्थ होकर लम्बी आयु मिलती है, ऐसा मेने अनुभव में भी देखा है,

हिमाचल में ऊना नामक स्थान से 15km दूर एक गाँव में एक व्यक्ति पिछले 29 वर्षों से चमेली के फूल को हमेशा अपनी जेब में रखते है उसी के परिणाम स्वरूप आज तक सर दर्द जैसा छोटा रोग भी उन्हें नही हुआ सभी प्रकार से वह व्यक्ति स्वस्थ है,आज उसकी आयु 93 वर्ष है, बाल काले, दांत मजबूत अर्थात पूर्णतया स्वस्थ है, इसी चमेली के फूल के द्वारा ये परिणाम मेरे सामने है,

"चमेली के फूल का पौधा आप सोमवार ला कर अपने घर बगिया या किसी गमलें में भी लगा कर परिवार सहित लाभ उठा सकते है,"

शनिवार प्रातः चमेली के 24 फूल घर लाकर इन पर रोली, कुंकुम या सिन्दूर का छींटा लगा कर दोनों हाथों से किसी नदी या सरोवर में विसर्जित करने से असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है 24 ही शनिवार करने से इसका लाभ देख कर आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे.

सभी प्रकार के प्रयोग के लिए एक दिन पहले चमेली के पेड़ के पास जा कर पहले फूल ले जाने का निमंत्रण देना चाहिए, तथा सम्मान के साथ कोई भी फूल तोड़ने से ही कामना पूरी होती है.

इस प्रकार रविवार को प्रातः  निवेदन कर एक नीले  रंग का  धागा उस चमेली के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. सोमवार  प्रातः  पीले रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 24  फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर नीले  रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात  मुश्क कपूर  भी  किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसी चमेली के तेल से छींटे दें. 

अच्छी सेहत और मृत्यु को जीतने वाले भगवान आशुतोष शिव  जी है इन्ही नीलकंठ भगवान जी का मानसिक स्मरण करें कि भगवान शिव  हम पर कृपा करें तथा मेरे शरीर के समस्त रोगों का नाश कर मुझे पूर्णतया स्वस्थ बनाएं इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए.

इसके पश्चात चमेली के तेल  का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा भगवान शिव की आरती इन फूलों की करें, तथा छुआरें बादाम  का  प्रशाद रख कर  रोगी ग्रहण करें.

बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को  चलते पानी में विसर्जित कर देना चाहियें.

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आप के अंदर नयी शक्ति का संचार आरम्भ होने लगेगा तथा  भगवान शिव की कृपा से मानसिक आदि सभी रोग आप्सें दूर चले जायेंगे तथा स्वस्थ  लाभ होने लगेगा, ये क्रिया प्रत्येक सोमवार करें, 16 बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा. रोग यदि अधिक पुराना या असाध्य है तो यही क्रिया दोबारा कर लेनी चाहियें,

 "भगवान शिव जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर स्वस्थ और सुंदर बनाने में सहयोग करें....." 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में बच्चों की उन्नति  करने हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...



श्रीस्तु  !!







बुधवार, 4 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 6, क्लेश दूर करें...

"एक छोटा सा गेंदा का फूल इतना चमत्कारी होता है जो कि आप सोच भी नहीं सकते घर के क्लेश को कुछ ही समय में बिलकुल शांत कर देता है... "

दुनिया के किसी भी धर्म  में, किसी भी सार्वजनिक कार्य में, पूजा पाठ, उपासना, ख़ुशी के उपलक्ष्य में आदि आदि ऐसे कई प्रकार के उत्सव है सभी में विभिन्न प्रकार के फूलों का बहुत अधिक प्रयोग होता रहा है और आज भी अधिक मात्रा में फूलों को सबसे पहले लिया जाता है.  पूजा पाठ आदि में यही फूल श्रद्धा के फूल बन जाते है, तथा मृत्यु के उपरान्त यही फूल श्रद्धा सुमन के रूप में हम सब के सामने आते है.

फूल का सम्बन्ध पृथ्वी से है,और पृथ्वी अपनी इच्छा और लालसा फूलों द्वारा व्यक्त करती है.सुन्दर फूल आप पूजा पाठ में या अपने प्रिय को भेट करते है, फूल सुंदर और दिव्य होते है.फूल उत्तम माने जाते है, हमारे जीवन में फूल हर रंग में स्थित है, 

इन फूलों का एक और रूप है जो कि आगम निगम ग्रंथों मिलता है,नवग्रहों की पूजा अनुष्ठान में सूर्यादि नव ग्रहों के अलग अलग रंगों के फूलों का प्रयोग शास्त्रों में वर्णित है.तथा फूलों के द्वारा जीवन में विविध चमत्कार भी आसानी से किये जा सकते है,इन सबका विवरण हमारे दुर्लभ ग्रंथों में उल्लेखित है, फूल मनुष्य जीवन में प्रधान सामग्री के रूप में माना जाता है.

फूल पूजा पाठ कर्मकांड, विवाह आदि शुभ कार्यों में महिलाओं के श्रृंगार रूप में,  घर, मकान, ऑफिस,में सजावट के रूप में, किसी रोगी को स्वस्थ कामना देने के लिए तथा अंत में मृत्यु होने के बाद श्रध्दांजलि रूप में इन फूलों को हम श्रद्धा सुमन  कह देते है.फूल मनुष्य  से लेकर देवताओं तक सभी को प्रिय है.

सिद्ध स्थानों, हिमालय के दूर के स्थानों पर, सुनसान या वीराने स्थान पर उत्पन्न  फूलों में योगिनी शक्तियां विद्यमान रहती है,यहाँ तक कि सभी फूलों में कोई ना कोई शक्ति गुप्त रूप में अवश्य रहती है,फूल जब हम किसी को भेंट करते है तो वो शक्ति भी साथ चली जाती है और उस की भावना को प्रगट कर कामना पूरी कर देती है,

ज्योतिष नक्षत्र और तिथि वार आदि के संयोग से फूल तोड़ कर लाभ उठाया जा सकता है.आधुनिक चिकित्सा शास्त्र, होमियोपैथ ,आयुर्वेद आदि में भी फूलों के प्रयोग का विवरण है.

http://vashikaran-science.blogspot.in/



अतः हम आज इस गेंदा  के फूल द्वारा अपने घर परिवार में उत्पन्न बिना किसी कारण से हुए क्लेश आदि मन मुटाव इस तंत्र द्वारा दूर कर सकते है,

कैसे ????

यदि प्रतिदिन अपनी पूजा के समय देवताओं को गेंदा  के फूल अर्पण करें, पूजा के बाद चढ़ाएं हुए फूलों में से एक फूल से रोज़ आप प्रातः और शाम के समय जल के छींटे पूरे घर में लगायें, ऐसा अगर व्यापारिक स्थल या फक्ट्री में भी कोई कलह हो तो वहां भी लगा सकते हैं. ऐसा नियमित करने से आप स्वय चमत्कार अनुभव करेंगे, 

गेंदे की फूल की पंखुड़िया ले कर अपने मुख्य द्वार के दोनों और बिखेर देने से घर के सभी सदस्य आपस में प्रेम भाव से व्यवहार करने लग जायेंगे.

प्रत्येक सोमवार, बुधवार, वृहस्पतिवार और शनिवार प्रातः काल  परिवार का  प्रत्येक सदस्य अपने हाथ में 3 गेंदे के फूल लेकर घर में जो मुखिया या घर में जो बुजुर्ग है उनके हाथ में दें तथा मुखिया सभी से फूल लेकर किस हरे रंग के कपड़ें या रुमाल में ले जा कर ऐसे मंदिर में जाएँ जो कि किसी चौराहे  पर स्थित हो, वहां जा कर किसी भी मूर्ती के सामने माँ गायत्री जी का ध्यान करते हुए शान्ति की प्रार्थना करते हुए कपड़ें सहित रख कर बाजार से कोई भी एक मीठा फल लेकर सीधे घर  में ला कर सभी परिवार सहित फल का प्रशाद दें.. 

ऐसा तीन तीन सोमवार, बुधवार, वृहस्पतिवार और शनिवार को करें तो शीघ्र लाभ होगा, परिवार में सुख शान्ति बनी रहेगी..

 "माँ गायत्री जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपके घर परिवार में शान्ति तथा सुख समृद्धि प्रदान  करें....." 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में स्वयं को स्वस्थ एवं अच्छी सेहत प्राप्त  करने हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...



श्रीस्तु  !!

मंगलवार, 3 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 5 आकर्षक बने..

"गुलमोहर " का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप अपने को आकर्षक बना कर अपने मित्रों का तथा समाज के सभी क्षेत्रों में सर्व जन वशीकरण कर लाभ उठा सकते हो  !!

वशीकरण क्रिया में  सबसे अधिक और महत्वपूर्ण स्थान स्वयं को आकर्षक बनाना, जी से आप का व्यक्तित्व ऐसा बने कि लोग अपने आप आप से बात करने के हमेशा उत्सुक रहें, तथा उन्हें आप से मिलने की उत्सुकता बनी रहें, इसके लिए आपका  रंग चाहे काला हो या गौरा इस बात से कोई फर्क नही पड़ता, बस आपका व्यक्तिव दूसरों को आकर्षित करें ऐसा प्रयोग आज आपको इसी श्रृंखला के अंतर्गत बताने जा रहा हूँ.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, 

सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, आकर्षक बनने के लिए आप "गुलमोहर फूल" का प्रयोग करें. यह फूल आकर्षक बनाने में बहुत अधिक सहायक है,

वास्तव में गुलमोहर का सही नाम 'स्वर्ग का फूल' ही है. भरी गर्मियों में गुलमोहर के पेड़ पर पत्तियाँ तो नाममात्र होती हैं, परंतु फूल इतने अधिक होते हैं कि गिनना कठिन  होता  है, संस्कृत में इसका नाम 'राज-आभरण' है, जिसका अर्थ राजसी आभूषणों से सजा हुआ वृक्ष है.

गुलमोहर के फूलों से श्रीकृष्ण भगवान की प्रतिमा के मुकुट का शृंगार किया जाता है.इसलिए संस्कृत में इस वृक्ष को 'कृष्ण चूड' भी कहते हैं.ये फूल लाल के अलावा नारंगी, पीले रंग के भी होते हैं, लेकिन इस प्रयोग के लिए लाल रंग के फूल ही उपयोग में लायेंगे.
हमारे प्राचीन ग्रंथों में ऋषि मुनियों ने इस गुल मोहर फूल में सौन्दर्य और आकर्षण के देवता जो कि  कामदेव जी है इन्ही कामदेव जी का वास गुलमोहर फूल में रहता है, 

अतः हम आज इस गुलमोहर  के फूल द्वारा अपने शरीर और अपने व्यक्तित्व की आकर्षक बना  सकते है,

कैसे ????

यदि प्रतिदिन अपनी पूजा के समय देवताओं को गुलमोहर  के फूल अर्पण करें, पूजा के बाद चढ़ाएं हुए फूलों में से एक फूल रोज़ आप अपनी ऊपर वाली जेब में रखें या अपने बैग में रख कर व्यापारिक स्थल या दूकान या ऑफिस में जाकर अपने बैठने के स्थान पर किसी भी गुलदस्ते में दुसरे फूलों के साथ रख दें, ऐसा नियमित करने से आप स्वय चम्ताकार अनुभव करेंगे, 

वृहस्पतिवार को उस गुलमोहर  के पेड़  के पास प्रातः  के समय जाएँ और अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल शुक्रवार प्रातः आप का फूल मुझे आकर्षक बनाने में मेरा सहयोग करें,  इसीलिए कल मैं आपके 16 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें, 

इस प्रकार का निवेदन कर एक पीले रंग का  धागा उस गुलमोहर के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. शुक्रवार  प्रातः  पीले रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 16  फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर आसमानी  रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात गुलाब जल  भी  किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसी गुलाब जल से छींटे दें. 

सौन्दर्य और आकर्षण के देवता जो कि  कामदेव जी है इन्ही कामदेव जी का मानसिक स्मरण करें कि भगवान कामदेव जी  हम पर कृपा करें तथा मेरे व्यक्तित्व में चुम्बकत्व आकर्षण उत्पन्न हो जाये जिसके द्वारा मुझे यश, कीर्ति और सम्मान की प्राप्ति होने लगें इस प्रकार प्रार्थना करनी चाहिए.

इसके पश्चात गुलाब जल का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा मक्खन का  प्रशाद बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये मक्खन का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है 

बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को भगवान विष्णु जी के मंदिर में जा कर  जहाँ भगवान विष्णु जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां भगवान विष्णु जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें, 

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आप के अंदर आकर्षण की शक्ति का संचार आरम्भ होने लगेगा तथा  कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से मानसिक तथा आर्थिक लाभ होने लगेगा, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा 6  बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.

 "भगवान कामदेव  जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपका व्यक्तित्व आकर्षक बनाने में सहयोग करें....." 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में स्वयं को घर में क्लेश व कलह शान्ति करने हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...



श्रीस्तु  !!








सोमवार, 2 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण......भाग 4

"गुड़हल" का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप अपने शत्रुओं का वशीकरण कर शत्रुता को समाप्त कर सकते हो !!

जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, उदाहरण के लिए गुलाब का फूल को लेते है लाल गुलाब मंगलवार तथा रविवार में अधिक शक्ति या ऊर्जा देता है, गुलाबी पिंक गुलाब शुक्रवार, सफेद गुलाब सोमवार तथा काला गुलाब बुधवार तथा शनिवार को अधिक प्रभावी रहता है अतः फूल के रंगों द्वारा उसके वार को ज्ञात कर सकते है क्योंकि  जो वार होगा उस वार के रंग की किरणें उस दिन सर्वाधिक रहती है ये सूत्र हमेशा याद रखें.

आज इन फूलों की शक्तियों से अपने शत्रुओं चाहे वो किसी भी प्रकार के हो व्यापार के क्षेत्र में, परिवार में मनमुटाव के कारण से शत्रु बने हो, या सामाजिक रूप से शत्रु बन कर आपको मानसिक या आर्थिक हानि पहुंचा रहे हो उन सबको शांत करने के लिए तथा उनके द्वारा आपको हानि ना पहुंचे वह सब क्रिया आप सबके सामने रख रहा हूँ, कुछ समस्याएं मनुष्य के जीवन को आज के युग में परेशान करती है जो की लगभग सभी मनुष्यों में एक समान है वो है शत्रुओं की समस्या  मनुष्य को बहुत परेशान कर देती है, शत्रुओं की शत्रुता खत्म करने के लिए जो फूल ऋषि मुनियों ने बताया है वो है.."गुड़हल" का फूल, इस गुड़हल  के फूल में माँ भद्रकाली देवी का वास है, अतः हम गुड़हल के फूल द्वारा शत्रुओं की समस्या मुक्ति पा सकते है,

कैसे ????

शुक्रवार को उस गुड़हल के पेड़  के पास दोपहर के समय जाएँ और अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल शनिवार प्रातः आप का फूल  मेरी शत्रुओं को नियंत्रित के कार्य को सिद्ध करें इसीलिए कल मैं आपके 9 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें, 

इस प्रकार का निवेदन कर एक काला धागा उस गुड़हल के पेड़ की किसी भी टहनी में बाँध दें. शनिवार  प्रातः नीले  रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 9  फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर पीले  रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात पिसी हल्दी भी  किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इसहल्दी से छींटे दें. 

माँ भद्र काली जी का जी का मानसिक स्मरण करें कि माँ भद्रकाली  हम पर कृपा करें तथा मेरे और मेरे घर परिवार पर जिस भी शत्रु की नजर हों या जो भी शत्रु बना हुआ है, जो अकारण मुझे या मेरे परिवार को मानसिक या आर्थिक हानि पहुंचा रहा है वो हमसें दूर हो जाए और अपनी शत्रुता हम सबके प्रति छोड़ दें..

इसके पश्चात जल का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा काले चने का प्रशाद बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये काले चने का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है 

बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को माँ काली जी के मंदिर में जा कर  जहाँ माँ काली जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां माँ काली जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें, 

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से आपके सभी प्रकार के समस्त शत्रु शीघ्र ही आपको बिना हानि पहुंचाएं अपनी शत्रुता छोड़ देंगे,तथा  कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से मानसिक तथा आर्थिक लाभ होने लगेगा, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा नौ  बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.

 "माँ श्री भद्र काली  जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपके शत्रुओं से मुक्ति करें" 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में स्वयं को आकर्षित करने हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...


श्रीस्तु  !!

रविवार, 1 मई 2016

फूलों द्वारा वशीकरण...भाग 3

कमल का फूल एक ऐसा फूल है, जिस के द्वारा आप माँ लक्ष्मी का वशीकरण कर सुख समृद्धि प्राप्त कर सकते हो !!

जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, उदाहरण के लिए गुलाब का फूल को लेते है लाल गुलाब मंगलवार तथा रविवार में अधिक शक्ति या ऊर्जा देता है, गुलाबी पिंक गुलाब शुक्रवार, सफेद गुलाब सोमवार तथा काला गुलाब बुधवार तथा शनिवार को अधिक प्रभावी रहता है अतः फूल के रंगों द्वारा उसके वार को ज्ञात कर सकते है क्योंकि  जो वार होगा उस वार के रंग की किरणें उस दिन सर्वाधिक रहती है ये सूत्र हमेशा याद रखें.

आज इन फूलों की शक्तियों का लाभ उठाने की क्रिया को आप सबके सामने रख रहा हूँ, कुछ समस्याएं मनुष्य के जीवन को आज के युग में परेशान करती है जो की लगभग सभी मनुष्यों में एक समान है वो है धन की समस्या  अर्थात आर्थिक परेशानी  धन  की तंगी या आमदनी का कम होना ही मनुष्य को बहुत परेशान कर देती है, इसी धन की परेशानी के कारण कई बार घर में क्लेश या घर टूट जाते है, क्यों कि धन ही हमारे जीवन की रीढ़ है, धन की आवश्यकता सभी को होती है. फूलों के द्वारा हम इस धन की समस्या से छुटकारा पा कर  लाभ उठा सकते है. धन की समस्या खत्म करने के लिए जो फूल ऋषि मुनियों ने बताया है वो है..कमल का फूल, इस कमल  के फूल में माँ महालक्ष्मी देवी का वास है, अतः हम कमल  के फूल द्वारा धन की समस्या मुक्ति पा सकते है,

कैसे ????

रविवार को उस तालाब या जहाँ कमल का फूल लगा हुआ हो उस तालाब या सरोवर के पास शाम के समय जाएँ और अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल सोमवार प्रातः आप का फूल  मेरी धन की समस्या के कार्य को सिद्ध करें इसीलिए कल मैं आपके 3 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें, इस प्रकार का निवेदन कर कच्चा दूध उस तालाब या सरोवर में डाल दें. सोमवार  प्रातः गुलाबी रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 3  फूल तोड़ कर ले आयें, घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर लाल  रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात कुंकुम को गंगाजल में घोल कर किसी छोटी कटोरी भी फूलों के साथ रख कर इस कुंकुम से छींटे दें. श्री महा लक्ष्मी जी का जी का मानसिक स्मरण करें कि माँ लक्ष्मी हम पर कृपा करें तथा मेरे और मेरे घर परिवार पर सुख समृद्धि का वरदान दे कर  धन वृद्धि करें.

इसके पश्चात जल का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा मीठे चावल बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये चावल का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को मंदिर में जा कर  जहाँ श्री लक्ष्मी नारायण जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां माँ लक्ष्मी जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें, 

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से धन प्राप्ति के मार्ग खुल जायेंगे तथा कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से धन प्राप्ति होने लगेगी, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा आठ  बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.

 "माँ श्री महा लक्ष्मी जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपके यहाँ सदा वास करें" 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में शत्रु नाश हेतु  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...


श्रीस्तु  !!

शनिवार, 30 अप्रैल 2016

फूलों द्वारा वशीकरण..भाग 2,

फूल एक ऐसी वस्तु है जिस के द्वारा आप  बिना बोले भी आप अपने भाव प्रगट कर संकेत दे देते है,

जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.

अब  तक आप और हम सब लोग केवल पूजा, श्रृंगार आदि सजावट के कार्यों में फूल अर्पित करते होंगे. लेकिन आप ये नही जानते कि फूल में इतनी अधिक शक्तियां गुप्त रूप से विद्यमान रहती है जिसके द्वारा हम सभी अपनी समस्त मनोकामना तथा सभी जीवों पर वशीकरण क्रिया कर सकने में सक्षम होते है, सभी मनोकामना के लिए शास्त्रों में अलग अलग फूल का निर्देश दिया है, क्योंकि सभी फूलों में अलग अलग देवी देवता का वास या आधिपत्य होता है.अलग अलग मनो कामना के लिए अलग अलग रंग-रूप के फूलों की आवश्यकता होती है,

प्रत्येक फूल का अपना एक अलग वार होता है तथा उसके गुण किसी दुसरे फूल में मिलान नही करते है, उदाहरण के लिए गुलाब का फूल को लेते है लाल गुलाब मंगलवार तथा रविवार में अधिक शक्ति या ऊर्जा देता है, गुलाबी पिंक गुलाब शुक्रवार, सफेद गुलाब सोमवार तथा काला गुलाब बुधवार तथा शनिवार को अधिक प्रभावी रहता है अतः फूल के रंगों द्वारा उसके वार को ज्ञात कर सकते है क्योंकि  जो वार होगा उस वार के रंग की किरणें उस दिन सर्वाधिक रहती है ये सूत्र हमेशा याद रखें.

आज इन फूलों की शक्तियों का लाभ उठाने की क्रिया को आप सबके सामने रख रहा हूँ, कुछ समस्याएं मनुष्य के जीवन को अज के युग में परेशान करती है जो की लगभग सभी मनुष्यों में एक समान है वो है क़र्ज़ समस्या अर्थात धन  की तंगी या आमदनी का कम होना ही मनुष्य को क़र्ज़ लेने पर विवश कर देता है, फूलों के द्वारा हम क़र्ज़ की समस्या को भी दूर कर  लाभ उठा सकते है. क़र्ज़ दूर करने या खत्म करने के लिए जो फूल ऋषि मुनियों ने बताया है वो है..कनेर का फूल, इस कनेर के फूल में कुबेर देवता का वास है, अतः हम कनेर के फूल द्वारा ऋण से मुक्ति पा सकते है, कैसे ????

वृहस्पतिवार  को एक कनेर का पेड़ के पास प्रातः अपनी कामना लेकर हाथ जोड़कर नमस्कार करें और अपनी कामना की प्रार्थना करें कि कल शुक्रवार आप का फूल  मेरी क़र्ज़ मुक्ति के कार्य को सिद्ध करें इसीलिए कल मैं आपके  5 फूल को लेने आउंगा या आउंगी अतः आप मेरा सहयोग करें, इस प्रकार का निवेदन कर कलावा उस कनेर के पेड़ पर बाँध दें. शुक्रवार प्रातः गुलाबी रंग का कपड़ा सिर पर ढक कर ससम्मान 5  फूल तोड़ कर ले आयें (गुलाबी अथवा लाल फूल ही इस कार्य के लिए लें), घर आकर फूलों को शुद्ध स्थान में रखें तथा एक लकड़ी की चौकी पर गुलाबी रंग का कपड़ा बिछाएं उस पर ये फूल रखें, धुप दीप सामने रख कर शुद्ध जल का छींटा फूलों पर करें,तत्पश्चात केसर की एक या दो पत्तियाँ भी फूलों के साथ रख कर श्री कुबेर जी का मानसिक स्मरण करें कि विश्व के कोषाधिपति कुबेर जी मेरे घर परिवार पर अनुकम्पा कर धन वृद्धि करें.

इसके पश्चात जल का 15  से 20  मिनट तक छींटा कर मन ही मन ह्रदय और श्रद्धा से अपनी प्रार्थना लगातार एकाग्र हो कर करें.इसके बाद धुप और दीपक द्वारा आरती इन फूलों की करें, तथा मेवे वाली खीर बना कर पूरे परिवार सहित प्रशाद रूप में ग्रहण करें ये ध्यान रहें की ये खीर का प्रशाद अपने परिवार में ही देना है बाहर के किसी व्यक्ति को नही देना,इस क्रिया के 16 घंटे बाद या अगली सुबह इन फूलों को मंदिर में जा कर  जहाँ श्री लक्ष्मी नारायण जी की प्रतिष्ठित मूर्ती हो वहां माँ लक्ष्मी जी के चरणों में अपनी प्रार्थना कहते हुए रख दें, 

इस प्रकार से श्रद्धापूर्वक करने से ऋण मुक्ति के मार्ग खुल जायेंगे तथा कोई ना कोई ऐसी देविक कृपा से क़र्ज़ कम होकर बिलकुल समाप्त होने लगेगा, ये क्रिया महीने में एक बार करें तथा पांच बार करने से तुरंत लाभ होना आपको दिखाई दे जाएगा.

 "भगवान कुबेर जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण करें" 

ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....

अगले भाग में धन प्राप्ति  का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...


श्रीस्तु  !!

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2016

फूलों द्वारा वशीकरण....

एक छोटा सा फूल इतना चमत्कारी होता है जो आप सोच भी नहीं सकते, दुनिया के किसी भी धर्म  में, किसी भी सार्वजनिक कार्य में, पूजा पाठ, उपासना, ख़ुशी के उपलक्ष्य में आदि आदि ऐसे कई प्रकार के उत्सव है सभी में विभिन्न प्रकार के फूलों का बहुत अधिक प्रयोग होता रहा है और आज भी अधिक मात्रा में फूलों को सबसे पहले लिया जाता है.  पूजा पाठ आदि में यही फूल श्रद्धा के फूल बन जाते है, तथा मृत्यु के उपरान्त यही फूल श्रद्धा सुमन के रूप में हम सब के सामने आते है.

फूल का सम्बन्ध पृथ्वी से है,और पृथ्वी अपनी इच्छा और लालसा फूलों द्वारा व्यक्त करती है.सुन्दर फूल आप पूजा पाठ में या अपने प्रिय को भेट करते है, फूल सुंदर और दिव्य होते है.फूल उत्तम माने जाते है, हमारे जीवन में फूल हर रंग में स्थित है, 

इन फूलों का एक और रूप है जो कि आगम निगम ग्रंथों मिलता है,नवग्रहों की पूजा अनुष्ठान में सूर्यादि नव ग्रहों के अलग अलग रंगों के फूलों का प्रयोग शास्त्रों में वर्णित है.तथा फूलों के द्वारा जीवन में विविध चमत्कार भी आसानी से किये जा सकते है,इन सबका विवरण हमारे दुर्लभ ग्रंथों में उल्लेखित है, फूल मनुष्य जीवन में प्रधान सामग्री के रूप में माना जाता है.

फूल पूजा पाठ कर्मकांड, विवाह आदि शुभ कार्यों में महिलाओं के श्रृंगार रूप में,  घर, मकान, ऑफिस,में सजावट के रूप में, किसी रोगी को स्वस्थ कामना देने के लिए तथा अंत में मृत्यु होने के बाद श्रध्दांजलि रूप में इन फूलों को हम श्रद्धा सुमन  कह देते है.फूल मनुष्य  से लेकर देवताओं तक सभी को प्रिय है.

सिद्ध स्थानों, हिमालय के दूर के स्थानों पर, सुनसान या वीराने स्थान पर उत्पन्न  फूलों में योगिनी शक्तियां विद्यमान रहती है,यहाँ तक कि सभी फूलों में कोई ना कोई शक्ति गुप्त रूप में अवश्य रहती है,फूल जब हम किसी को भेंट करते है तो वो शक्ति भी साथ चली जाती है और उस की भावना को प्रगट कर कामना पूरी कर देती है,

ज्योतिष नक्षत्र और तिथि वार आदि के संयोग से फूल तोड़ कर लाभ उठाया जा सकता है.आधुनिक चिकित्सा शास्त्र, होमियोपैथ ,आयुर्वेद आदि में भी फूलों के प्रयोग का विवरण है.
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फूल एक ऐसी वस्तु है जिस के द्वारा आप  बिना बोले भी आप अपने भाव प्रगट कर संकेत दे देते है,जीवन चक्र का आरम्भ भी फूलों के द्वारा हो संभव हो पाता है, जब तक फूल नही होगा तब तक सृष्टि उत्पन्न नही होगी, अर्थात फूल से बीज बनता है, बीज से नया सृजन होता है, फूल से ही फल का निर्माण, फल से बीज इत्यादि ये जीवन चक्र इसी प्रकार से फूलों के इर्द गिर्द ही घूमता रहता है,अतः फूल के बिना सृष्टि की कल्पना भी नही की जा सकती है.

समस्त फूलों के देवता अलग अलग है, लेकिन कामदेव सभी फूलों के प्रधान देव के रूप में माने जाते है,काम देव के पास एक ऐसा अमोघ बाण है जो पुष्प बाण के नाम से विख्यात है जब किसी पर ये बाण चलता है तो वो कामाग्नि से विचलित हो उठता है.इसीलिए फूलों का तंत्र शास्त्र में बहुत बड़ा प्रभाव माना गया है,काम देव का वास फूलों में होने के कारण सभी देवी देवता इन फूलों को सहर्ष स्वीकार करते है, आसन के रूप में भी इसे स्वीकार करते है.


इसीलिए इन फूलों को बार बार अकारण तोड़ने की गलती कभी नही करनी चाहिए, ऐसा करने से दोष लग जाता है और ये पाप कर्म की श्रेणी में भी आता है.

फूलों द्वारा हम वशीकरण क्रिया को आसानी से कर सकते है, अपने देवताओं को प्रसन्न कर सकते है, और भी अनेक कार्य इन्हीं फूलों के द्वारा हम सिद्ध कर सकते है.

फूलों को तोड़ने का या खरीदने का समय विशेष  रूप से ध्यान रखें इसके नियम है जैसे....

अपनी पत्नी को प्रसन्न करने के लिए सुबह 11  बजे से पहले,

अपने उच्च अधिकारी को प्रसन्न करने के लिए  दोपहर 1 से 2  के मध्य,

अपने पिता को प्रसन्न करने के लिए प्रातः 7  से 8 के मध्य,

अपने गुरु देव की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रातः सूर्योदय के समय, 

अपने प्रेमी या प्रेमिका को प्रसन्न करने के लिए अपराह्न 4  से 6 के मध्य,

अपने पुत्र ( जो कहना ना मानता हो) उसे प्रसन्न या उसका वशीकरण करने के लिए दोपहर 12 बजे के आसपास ,

अपने पुत्री  ( जो कहना ना मानती हो) उसे प्रसन्न या उसका वशीकरण करने के लिए दोपहर 11 से 11:45 बजे तक.  


यदि आप फूल तोड़ कर भेंट करते है तो उचित रहेगा, खरीदें हुए फूल का असर बहुत कम तथा विलम्ब से मिलता है 

इसके आगे के लेख में आपको फूलों के रंग तथा किस दिशा में खड़े होकर भेट किये जाएँ...इसका विवरण विस्तार से देने का प्रयास करूँगा.............

जारी.............अगले लेख में ....

शुभमस्तु !!!


गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

वशीकरण प्रयोगों द्वारा अपनी कामनाएं पूर्ण करें....

वशीकरण विद्या एक प्राचीन और सनातन विद्या है तथा तंत्र शास्त्र अनुसार अष्ट कर्म, शान्ति कर्म आदि सभी कर्मों में एक महत्वपूर्ण विद्या है,
इस विद्या को प्राप्त करना या इस विद्या से अपनी समस्या दूर करना मुश्किल साधना तो है लेकिन असंभव नही है.
बहुत से व्यक्तियों ने मुझसें एक ही बात बार बार पूछी है कि वशीकरण कैसे किया जाएँ ?क्योंकि !! 
सभी को किसी ना किसी को अपने वश में करना है. 
कर्मचारी चाहता है कि उसका बॉस उसके वश में हो और उसे जब चाहे छुट्टी मिल जाए… 
पत्नी सोचती है पति वश में रहे, यही सोच पति की भी होती है… 
कोई सोचता है मेरे सभी दोस्त में वश हो जो मैं बोलू सभी वैसा ही करें… 
लड़कों को लड़कियों को वश में करना है तो लड़कियों को लड़के अपने वश में चाहिए सामान्यत: ऐसे ही सोच सभी की हैं.वशीकरण है क्या…? 
यही कि जो आप बोले, जो आप चाहेवह ही हो जाए।
वशीकरण का प्रयोग आप किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के लिए कर सकते हैं ! वशीकरण हर जगह कारगर है चाहें व्यक्ति इस दुनिया में कही भी रह रहा हो ! 
वशीकरण के लिए सिर्फ सच्चे भावनात्मक जुडाव की जरूरत है
यदि आप सच में किसी व्यक्ति या व्यक्तियों से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं  तो वशीकरण 100% कामयाब होगा  !

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वशीकरण द्वारा आप  निम्न कार्य के लिए कर सकते हैं ...

अपने पसंद के पुरुष या स्त्री को जीवनसाथी बनाने हेतु

प्रेम या विवाह में बाधा को समाप्त करने के लिए

किसी विशेष व्यक्ति या लोगों के समूह को वश में करने के लिए

अपने पति या पत्नी को वश में करने हेतु

अपने सास ससुर को वश में करने हेतु

अपने बॉस या अधिकारी  को वश में करने हेतु

अपने शत्रु/शत्रुओं पर काबू पाने हेतु

अपने बेटी या बेटे को गलत संगत से बचाने हेतु

इंटरव्यू में निश्चित सफलता हेतु

सुख एवं समृद्धि को अपनी और आकर्षित करने हेतु


वशीकरण द्वारा कार्य करना बहुत ही मुश्किल एवं जटिल है.

इसमें एकाग्रता की बहुत आवश्यकता है. लेकिन असंभव नही.

अब कुछ प्रयोग लिख रहा हूँ जिसे मेने पिछले कई वर्षों से सिद्ध और पूर्णतया कार्य होते अनुभव किया है यदि आपकी भावना शुद्ध है तो 100% सफलता आपको प्राप्त होगी..

यदि आप किसी आवश्यक काम के लिए यात्रा पर जा रहे है तो उसी समय एक नारियल लें उसको हाथ में लेकर 11बार ” श्री हनुमते नमः ” कहकर धरती पर मार कर तोड़ दें उसके जल को ऊपर छिड़क लें और गरी को निकालकर बाँट दें तथा खुद भी खाएं तो यात्रा सफल रहेगी और काम भी बनेंगे..

जीवन में सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए शुक्ल पक्ष के बुधवार को प्रातः बिना कुछ खाए पियें एक मिट्टी का शेर खरीदें उसे घर लाकर उसका मानसिक पूजन करें तथा अपनी कामना को सिद्ध करने के लिए उस शेर के आगे प्रार्थना कर मंदिर ले जा कर माँ दुर्गा देवी के आगे प्रणाम कर श्रद्धा से रख आयें और प्रशाद बाँट कर घर आ जाएँ बस फिर चमत्कार देखें सभी बाधाएं जल्दी दूर होती जायेंगी.

अगर आप किसी जरुरी काम से किसी से मिले जा रहे है या किसी से उधार वापिस लेने जा रहें है या रिश्ते की बात करने जा रहें है, तो एक पीला पक्का नींबू लेकर उस पर 4 फूलदार लौंग गाड़ दें तथा इस मंत्र का जप श्री हनुमते नमः” 21 बार करें जप करने के बाद उसको साथ लेकर चले जायें काम में किसी प्रकार की बाधा नही आएगी.सफलता मिलेगी.

यदि परिवार में अनावश्यक परेशानी आ रही है या सभी सदस्य एक दुसरे के शत्रु बने हुए है तो केवल रविवार की रात्रि को सोते समय सिरहाने पानी का लोटा भरकर रखें सोमवार की सुबह थोड़ा जल पीकर दरवाजे की चोखट पर डाल दें तो काफी लाभदायक होगा और परेशानियां भी दूर हो जाएंगी, ऐसा 21 रविवार करें, परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है,इस से बहुत जल्दी लाभ मिलेगा.

अगर परिवार में से कोई सदस्य रोगी हो और उसे दवाई आदि का कोई असर नही हो पा रहा हो तो तो एक पान का पत्ता , एक गुलाब का फूल और 7 बताशे , पान के पत्ते में रखकर शनिवार शाम के समय रोगी के सिर के ऊपर से क्लोक वाइज वार कर उसे चौराहे पर रख दें रोगी ठीक होने लगेगा.


आगे इस विषय में और अधिक प्रयोगों का विवरण करूंगा.....

शुभमस्तु !!


मंगलवार, 26 अप्रैल 2016

जल से वशीकरण..........

वशीकरण कर्म अनुसार सबसे महत्वपूर्ण स्थान "जल" का है, जैसा की आप सब जानते है कि जल ही जीवन है, बिना जल के कोई भी मनुष्य, जीव जंतु और सभी वनस्पति भी जल पर आधारित है.

बिना जल के जीवन का अस्तित्व ही नही है तथा बिना जल के हमारा कर्म काण्ड, पूजा पाठ सभी अधूरा है,

गोस्वामी तुलसी दास जी ने भी श्री राम चरित मानस  में स्पष्ट लिखा है की मनुष्य का शरीर भी जल तत्व या जल से बना हुआ है, “क्षिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम शरीरा।।” पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और पवन – इन पंचतत्वों से यह अत्यंत अधम शरीर रचा गया है.अतः स्पष्ट है की जल ही वो महत्वपूर्ण तत्व है जो कि सभी मनुष्यों में जीवन दायनी का धर्म निभाता है,“यथा पिण्डे तथा ब्रह्माण्डे”
इसी जल के द्वारा हम वशीकरण आदि सभी क्रिया करने में सक्षम भी हो जाते है.

और यही जल जब  प्रत्यक्ष रूप से जीवन की संजीवनी के रूप में कार्य कर रहा है, तो षट कर्मों, महाविद्या
उपासना, आदि सभी तंत्र के क्षेत्रों में जल की महत्वपूर्ण भूमिका है, 

यही जल गुप्त रूप से सभी क्रियाओं में अत्यंत लाभ देने में सक्षम है. आज इसी जल के द्वारा हम किस प्रकार से वाशिकर्ण कर सकते है, इस विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास कर रहा हूँ.

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जीवन का आरम्भ प्रातः से होता है और उस प्रातः का आरम्भ जल से होता है.जल के बिना जीवन की सभी क्रिया किसी भी दुसरे तत्व या वस्तु से नही हो सकती.कभी सोचा है. 

भारतीय संस्कृति में जब भी कोई अतिथि आयें तो घर की लक्ष्मी अर्थात बहन, बेटी आदि के द्वारा सर्वप्रथम जल दिया जाता था, इस समय भी बहुत कम परिवारों में ऐसा होता है, अधिकतर आजकल तो घर का नौकर ही जल लेकर सामने आता दिखाई देता है,

 घर में गृहिणी या बेटी,बहन के द्वारा दिया गया जल ही एक वशीकरण का गुप्त साधन होता है, इनके हाथ से पीया गया जल अतिथि और उस परिवार में प्रेम भाव की वृद्धि करता था,

आज के युग में अतिथि के अलावा घर का भी कोई सदस्य घर में आता है तो या तो खुद जल फ्रिज में से उठा कर पीता है या नौकर को आवाज लगा कर पीता है, इसी कारण से परिवार में आपस में मतभेद उत्पन्न हो रहा है अर्थात प्रेम का सम्बन्ध प्रायः समाप्त ही है, 

यदि परिवार में आपसी सौहार्द उत्पन्न करना है तो स्वयं या अपने परिवार के सदस्य द्वारा ही जल  पीना चाहिए, कुछ ही दिनों में चमत्कार देखेंगे.

घर आये अतिथि, सम्बन्धी, मित्र परिवार को भी यथा संभव अपने हाथ द्वारा जल भेंट करें, इससे आजीवन प्रेम बना रहेगा मन मुटाव होने की संभावना बिलकुल समाप्त हो जायेगी.

यदि कोई रूठा हुआ है, पत्नी, प्रेमिका, पुत्र, पुत्री कोई भी उसे अपने हाथ से जल  दें तुरंत असर दिखाई देगा,

आपकी प्रेमिका या पत्नी आपका कहना नही मान रही है, या आपका प्रेमी, पति आपसे रूठा हुआ है तो प्रातः काल में जल को किसी धातु के गिलास  में दें फिर देखें इसका प्रभाव....आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे.

क्या पाने ऑफिस में अपने साथ काम करने वालों को बिना मांगे कभी जल पिलाया?

क्या आपने अपने माता-पिता को कभी बिना मांगे जल पिलाया ?

क्या आपने अपने हाथ से कभी ग्राहक को बिना मांगे जल दिया?

क्या आपने अपने हाथ से प्रेम से पत्नी को बिना मांगे जल दिया ?

या जिससे कोई कार्य निकलवाना है उसे बिना मांगे जल दिया ?

यदि कोई क़र्ज़ वापिस मांगने आये तो क्या कभी बिना मांगे उसे जल दिया ?

एक बार इसे शुरू करो .....

फिर जल के इस उपाय का चमत्कार देखो................

आप आश्चर्य चकित रह जाओगे कि जल द्वारा दुर्लभ कार्य इतना आसान हो गया है..

लेख के विस्तार के भय से अब इतना ही.......

आगे के लेखों में जल की चमत्कारी विधियां प्रस्तुत करूंगा ...


शुभमस्तु !!

सोमवार, 25 अप्रैल 2016

भाग्य वृद्धि करें.....


कोई भी वशीकरण या कोई भी तंत्र साधना करने से पहले अपनी रक्षा और अपना मन मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है, चाहे कोई भी कार्य की सिद्धि करना चाहते है तो अपना भाग्य बलवान करें. क्योंकि भाग्य का बल यदि कमजोर हुआ तो कोई भी कार्य सफल नही होगा, अतः अपने भाग्य की वृद्धि के लिए उपाय करना अति आवश्यक होता है. अपने नाम की राशि अनुसार भाग्य वृद्धि के उपाय करने चाहिए, ये ध्यान रखें आपको जन्म नाम ही इसमें प्रयोग करना चाहिए, अपने विद्वान पंडित जी से अपनी जन्म तिथि आदि बता कर आप अपना जन्म नाम ज्ञात कर सकते है.
यदि आपका भाग्य कमजोर है तो आपके परिवार के सदस्यों में आपस में कलह रहेगी, किसी सदस्य को हमेशा बिमारी लगी रहेगी, घर की सारी आमदनी बिमारी या कोर्ट कचहरी आदि में खर्च हो जाती हो, धन की बरकत ना रहती हो, अपने घर आने पर घुटन महसूस होती हो या हमेशा घर में बिना बात के आपस में झगडा हो रहा है या रसोई का भोजन बाहर बेकार फेंका जा रहा है तो समझ लेना कि भाग्य कमजोर हो रहा है. 

इसकी शान्ति के लिए अपने ज्योतिषी से संपर्क कर अशुभ ग्रहों का उपाय करे, जिससे भाग्य की वृद्धि हो अथवा अपनी जन्म राशि अनुसार निम्न उपाय भी कर भाग्य वृद्धि कर सकते हो.

मेष- मेष राशि वाले व्यक्ति अपने घर में लाल गाय का गौमूत्र लेकर उसे प्रातः और संध्या के समय किसी भी लाल फूल से पूरे घर में छीटें लगाएं और शाम को गुग्गल को गाय के गोबर के बने उपले (कंडे) में जला कर घर में धुनी दें...

वृष- वृष राशि वाले व्यक्ति लक्ष्मी जी के मन्दिर में जाकर गाय का घी का दीपक जलाएं उसमें एक किशमिश का दाना डालें तथा दही का दान देना करें..
मिथुन- मिथुन  राशि वाले व्यक्ति बुध वार के दिन मंदिर में हरे रंग की सब्जी या पालक या साबुत मुंग का दान करें मात्रा अपनी शक्ति अनुसार चुने  तो आपके घर में निश्चित ही शांति रहेगी। आप किन्नरों को भी कुछ ना कुछ दान कर दिया करें साथ ही हरे वस्त्र के साथ हरी चुड़ीयां दान दें..
कर्क- कर्क  राशि वाले व्यक्ति आप 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को भोजन कराएं और उनके चरण स्पर्श कर दक्षिणा दें..
सिंह- सिंह राशि वाले व्यक्ति रोज सूर्योदय के समय तांबे के पात्र से सूर्य को जल में केसर डाल कर अर्घ्य प्रदान करें, तथा प्रात काल में लाल रंग के फल मंदिर में दान दें..
कन्या- कन्या राशि वाले व्यक्तियों  को गले हुए मूंग गाय को खिलाना चाहिए। इससे आपके धर में शांति बनी रहेगी...
तुला- तुला राशि वाले व्यक्ति आप नव विवाहित वधू को भोजन कराएं तो आप पर लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी और घर में बरकत बनी रहेगी.......
वृश्चिक- वृश्चिक  राशि वाले व्यक्ति आप रोज रात को तांबे के बर्तन में पानी भर कर उसे अपने सिरहाने रख कर सोए और सुबह कांटेदार वृक्ष में डाल दें तो आपके घर में शांति रहेगी और सारी नकारात्मकता खत्म हो जाएगी..
धनु- धनु राशि वाले गुरु के उपाय करें यानी रोज पीली गाय को चारा दें और हर गुरुवार को किसी ब्राह्मण को भोजन कराए...
मकर- घर मे शांति बनाए रखने के लिए आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को काला कंबल दान दें...
कुंभ- आपकी राशि पर शनि देव का विशेष प्रभाव है इसलिए आप चिंटीयों को आटा और चीनी खिलाए..

मीन- अपनी राशि के अनुसार आपको रोज मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना चाहिए या दाना डालना चाहिए...
इस प्रकार उपरोक्त उपाय करने से लाभ होगा. इसके बाद ही कोई साधना आदि का प्रयोग सफल होगा 

शुभमस्तु !!