"एक छोटा सा गेंदा का फूल इतना चमत्कारी होता है जो कि आप सोच भी नहीं सकते घर के क्लेश को कुछ ही समय में बिलकुल शांत कर देता है... "
दुनिया के किसी भी धर्म में, किसी भी सार्वजनिक कार्य में, पूजा पाठ, उपासना, ख़ुशी के उपलक्ष्य में आदि आदि ऐसे कई प्रकार के उत्सव है सभी में विभिन्न प्रकार के फूलों का बहुत अधिक प्रयोग होता रहा है और आज भी अधिक मात्रा में फूलों को सबसे पहले लिया जाता है. पूजा पाठ आदि में यही फूल श्रद्धा के फूल बन जाते है, तथा मृत्यु के उपरान्त यही फूल श्रद्धा सुमन के रूप में हम सब के सामने आते है.
दुनिया के किसी भी धर्म में, किसी भी सार्वजनिक कार्य में, पूजा पाठ, उपासना, ख़ुशी के उपलक्ष्य में आदि आदि ऐसे कई प्रकार के उत्सव है सभी में विभिन्न प्रकार के फूलों का बहुत अधिक प्रयोग होता रहा है और आज भी अधिक मात्रा में फूलों को सबसे पहले लिया जाता है. पूजा पाठ आदि में यही फूल श्रद्धा के फूल बन जाते है, तथा मृत्यु के उपरान्त यही फूल श्रद्धा सुमन के रूप में हम सब के सामने आते है.
फूल का सम्बन्ध पृथ्वी से है,और पृथ्वी अपनी इच्छा और लालसा फूलों द्वारा व्यक्त करती है.सुन्दर फूल आप पूजा पाठ में या अपने प्रिय को भेट करते है, फूल सुंदर और दिव्य होते है.फूल उत्तम माने जाते है, हमारे जीवन में फूल हर रंग में स्थित है,
इन फूलों का एक और रूप है जो कि आगम निगम ग्रंथों मिलता है,नवग्रहों की पूजा अनुष्ठान में सूर्यादि नव ग्रहों के अलग अलग रंगों के फूलों का प्रयोग शास्त्रों में वर्णित है.तथा फूलों के द्वारा जीवन में विविध चमत्कार भी आसानी से किये जा सकते है,इन सबका विवरण हमारे दुर्लभ ग्रंथों में उल्लेखित है, फूल मनुष्य जीवन में प्रधान सामग्री के रूप में माना जाता है.
फूल पूजा पाठ कर्मकांड, विवाह आदि शुभ कार्यों में महिलाओं के श्रृंगार रूप में, घर, मकान, ऑफिस,में सजावट के रूप में, किसी रोगी को स्वस्थ कामना देने के लिए तथा अंत में मृत्यु होने के बाद श्रध्दांजलि रूप में इन फूलों को हम श्रद्धा सुमन कह देते है.फूल मनुष्य से लेकर देवताओं तक सभी को प्रिय है.
सिद्ध स्थानों, हिमालय के दूर के स्थानों पर, सुनसान या वीराने स्थान पर उत्पन्न फूलों में योगिनी शक्तियां विद्यमान रहती है,यहाँ तक कि सभी फूलों में कोई ना कोई शक्ति गुप्त रूप में अवश्य रहती है,फूल जब हम किसी को भेंट करते है तो वो शक्ति भी साथ चली जाती है और उस की भावना को प्रगट कर कामना पूरी कर देती है,
ज्योतिष नक्षत्र और तिथि वार आदि के संयोग से फूल तोड़ कर लाभ उठाया जा सकता है.आधुनिक चिकित्सा शास्त्र, होमियोपैथ ,आयुर्वेद आदि में भी फूलों के प्रयोग का विवरण है.
अतः हम आज इस गेंदा के फूल द्वारा अपने घर परिवार में उत्पन्न बिना किसी कारण से हुए क्लेश आदि मन मुटाव इस तंत्र द्वारा दूर कर सकते है,
कैसे ????
यदि प्रतिदिन अपनी पूजा के समय देवताओं को गेंदा के फूल अर्पण करें, पूजा के बाद चढ़ाएं हुए फूलों में से एक फूल से रोज़ आप प्रातः और शाम के समय जल के छींटे पूरे घर में लगायें, ऐसा अगर व्यापारिक स्थल या फक्ट्री में भी कोई कलह हो तो वहां भी लगा सकते हैं. ऐसा नियमित करने से आप स्वय चमत्कार अनुभव करेंगे,
गेंदे की फूल की पंखुड़िया ले कर अपने मुख्य द्वार के दोनों और बिखेर देने से घर के सभी सदस्य आपस में प्रेम भाव से व्यवहार करने लग जायेंगे.
प्रत्येक सोमवार, बुधवार, वृहस्पतिवार और शनिवार प्रातः काल परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने हाथ में 3 गेंदे के फूल लेकर घर में जो मुखिया या घर में जो बुजुर्ग है उनके हाथ में दें तथा मुखिया सभी से फूल लेकर किस हरे रंग के कपड़ें या रुमाल में ले जा कर ऐसे मंदिर में जाएँ जो कि किसी चौराहे पर स्थित हो, वहां जा कर किसी भी मूर्ती के सामने माँ गायत्री जी का ध्यान करते हुए शान्ति की प्रार्थना करते हुए कपड़ें सहित रख कर बाजार से कोई भी एक मीठा फल लेकर सीधे घर में ला कर सभी परिवार सहित फल का प्रशाद दें..
ऐसा तीन तीन सोमवार, बुधवार, वृहस्पतिवार और शनिवार को करें तो शीघ्र लाभ होगा, परिवार में सुख शान्ति बनी रहेगी..
"माँ गायत्री जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपके घर परिवार में शान्ति तथा सुख समृद्धि प्रदान करें....."
ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....
अगले भाग में स्वयं को स्वस्थ एवं अच्छी सेहत प्राप्त करने हेतु का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...
श्रीरस्तु !!
अतः हम आज इस गेंदा के फूल द्वारा अपने घर परिवार में उत्पन्न बिना किसी कारण से हुए क्लेश आदि मन मुटाव इस तंत्र द्वारा दूर कर सकते है,
कैसे ????
यदि प्रतिदिन अपनी पूजा के समय देवताओं को गेंदा के फूल अर्पण करें, पूजा के बाद चढ़ाएं हुए फूलों में से एक फूल से रोज़ आप प्रातः और शाम के समय जल के छींटे पूरे घर में लगायें, ऐसा अगर व्यापारिक स्थल या फक्ट्री में भी कोई कलह हो तो वहां भी लगा सकते हैं. ऐसा नियमित करने से आप स्वय चमत्कार अनुभव करेंगे,
गेंदे की फूल की पंखुड़िया ले कर अपने मुख्य द्वार के दोनों और बिखेर देने से घर के सभी सदस्य आपस में प्रेम भाव से व्यवहार करने लग जायेंगे.
प्रत्येक सोमवार, बुधवार, वृहस्पतिवार और शनिवार प्रातः काल परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने हाथ में 3 गेंदे के फूल लेकर घर में जो मुखिया या घर में जो बुजुर्ग है उनके हाथ में दें तथा मुखिया सभी से फूल लेकर किस हरे रंग के कपड़ें या रुमाल में ले जा कर ऐसे मंदिर में जाएँ जो कि किसी चौराहे पर स्थित हो, वहां जा कर किसी भी मूर्ती के सामने माँ गायत्री जी का ध्यान करते हुए शान्ति की प्रार्थना करते हुए कपड़ें सहित रख कर बाजार से कोई भी एक मीठा फल लेकर सीधे घर में ला कर सभी परिवार सहित फल का प्रशाद दें..
ऐसा तीन तीन सोमवार, बुधवार, वृहस्पतिवार और शनिवार को करें तो शीघ्र लाभ होगा, परिवार में सुख शान्ति बनी रहेगी..
"माँ गायत्री जी आप सब की मनोकामना इस तंत्र द्वारा पूर्ण कर आपके घर परिवार में शान्ति तथा सुख समृद्धि प्रदान करें....."
ऐसी मेरी शुभकामनाएं है.....
अगले भाग में स्वयं को स्वस्थ एवं अच्छी सेहत प्राप्त करने हेतु का फूलों द्वारा प्रयोग देने जा रहा हूँ...
श्रीरस्तु !!
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